Bajrang Baan lyrics, english.marathi.hindi pdf
हे शब्द जेव्हा गुगलवर सर्च होतात, तेव्हा एकच गोष्ट समजते – लोकांच्या मनात प्रभू श्री हनुमानाविषयी प्रचंड श्रद्धा आहे. बजरंग बाण हे केवळ एक स्तोत्र नाही, तर ते शक्ती, आत्मविश्वास आणि विजयाचं प्रतिक आहे. मनावर आलेले संकट, भीती, चिंता आणि शत्रूंचा नाश करण्यासाठी जेव्हा काहीच मार्ग दिसत नाही, तेव्हा हनुमानाचं हे बाण तुमचं रक्षण करतं.
या लेखात आपण पाहणार आहोत – बजरंग बाण म्हणजे काय, त्याचे शब्द मराठी, हिंदी आणि इंग्रजीमध्ये, पीडीएफ डाउनलोड कसा करायचा, ते कधी म्हणावं, फायदे काय आहेत, आणि बऱ्याचदा विचारले जाणारे प्रश्न (FAQs) – आणि हे सगळं अगदी सोप्या, भावनिक भाषेत.
बजरंग बाण म्हणजे काय?
बजरंग बाण हे प्रभू श्री हनुमानाचं एक अत्यंत प्रभावी आणि शक्तिशाली स्तोत्र आहे. “बाण” म्हणजे बाणासारखी शत्रूंच्या नाशासाठी सोडलेली प्रार्थना. हे स्तोत्र वाचल्यावर किंवा म्हणल्यावर नकारात्मकता दूर होते, मनाला बळ मिळतं आणि आत्मविश्वासात वाढ होते.

Bajrang Baan Lyrics – मराठी, हिंदी आणि इंग्रजी (PDF डाऊनलोड )
बजरंग बाण – मराठी भाषांतर
श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार।
बरनऊं रघुवर बिमल जसु, जो दायक फल चार।।
बुद्धिहीन तनु जाणिके, सुमिरो पवन कुमार।
बल, बुद्धी, विद्या देऊ मज, हरु कलेश विकार।।
जय हनुमान संत हितकारी।
सुन लीजै प्रभु अरज हमारी।।
जन के काज विलंब न कीजै।
आतुर दौरि महा सुख दीजै।।
जसे कूदि सिंधु महं पारा।
सुरसा बदन पै ठेला मारा।।
अग्नि में पूंछ दिये जलायी।
लंका सागरी सिन्दु बुजायी।।
लयसि जीवन लखन जब आये।
श्री रघुबीर हर्षि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बडाई।
तुम मम प्रिय भरत सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
यम कुबेर दिगपाल जहाँ ते।
कवि कोबिद कहि सके कहाँ ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राजपद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र विभीषण माना।
लंकेश्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
रामद्वार तुम राखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक ते कांपै।।
भूत पिशाच निकट नहिं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिनके काज सकल तुम साजा।।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोई अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्टसिद्धि नव निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम जनम के दुख बिसरावै।।
अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।।
आणि याच श्लोकांनी पूर्ण होतो हनुमानाचा हा दिव्य बाण:
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्व सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
बजरंग बाण – हिंदी में
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार।
बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायक फल चार।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।।
जय हनुमान संत हितकारी।
सुन लीजै प्रभु अरज हमारी।।
जन के काज विलंब न कीजै।
आतुर दौरि महा सुख दीजै।।
जैसे कूदि सिंधु महँ पारा।
सुरसा बदन पै ठेला मारा।।
अग्नि में पूँछ दिये जलायी।
लंका सागरी सिन्दु बुजायी।।
लए सि जीवन लखन जब आये।
श्री रघुबीर हर्षि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरत सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
यम कुबेर दिगपाल जहाँ ते।
कवि कोबिद कहि सके कहाँ ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राजपद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र विभीषण माना।
लंकेश्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
रामद्वार तुम राखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक ते कांपै।।
भूत पिशाच निकट नहिं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिनके काज सकल तुम साजा।।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोई अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्टसिद्धि नव निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम जनम के दुख बिसरावै।।
अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्व सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
बजरंग बाण – हिंदी में PDF
Bajrang Baan – English
Shri Guru Charan Saroj Raj, Nij Man Mukur Sudhari।
Barnau Raghuvar Bimal Jasu, Jo Dayaku Phal Chari।।
Buddhi Heen Tanu Janike, Sumirau Pavan Kumar।
Bal Buddhi Vidya Dehu Mohi, Harahu Kalesh Vikar।।
Jai Hanuman Sant Hitkaari।
Sunlijai Prabhu Arz Hamari।।
Jan Ke Kaaj Vilamb Na Keejai।
Aatur Daari Maha Sukh Deejaai।।
Jaise Kood Sindhu Mein Paara।
Surasa Badan Paithhela Maara।।
Agni Mein Poonch Dee Jalayi।
Lanka Saagar Sindhu Bujaayi।।
Laye Jeevan Lakhana Jaba Aaye।
Shri Raghubeer Harshi Ur Laaye।।
Raghupati Keenhi Bahut Badaai।
Tum Mamma Priya Bharat Sam Bhai।।
Sahas Badan Tumharo Jas Gaave।
Asa Kahi Shripati Kanth Lagaave।।
Sanakadik Brahmaadi Munisa।
Narad Sarad Sahit Ahisa।।
Yam Kuber Digpaal Jahaan Te।
Kavi Kobid Kahi Sake Kahaan Te।।
Tum Upkaar Sugreevhin Keenhaa।
Ram Milaay Rajpad Deenhaa।।
Tumharo Mantra Vibhishan Maana।
Lankeshwar Bhaye Sab Jag Jaana।।
Yug Sahastra Jojan Par Bhaanu।
Leelyo Taahi Madhur Phal Jaanu।।
Prabhu Mudrika Meli Mukh Maahin।
Jaladhi Langhi Gaye Acharaj Naahin।।
Durgam Kaaj Jagat Ke Jete।
Sugam Anugrah Tumhre Tete।।
Ram Duaar Tum Rakhwaare।
Hot Na Aagya Binu Paisaare।।
Sab Sukh Lahen Tumhari Sharna।
Tum Rakshak Kaahu Ko Darna।।
Aapan Tej Samhaaro Aapai।
Teenon Lok Haank Te Kaapai।।
Bhoot Pisaach Nikat Nahi Aave।
Mahabir Jab Naam Sunaave।।
Naasai Rog Hare Sab Peera।
Japat Nirantar Hanumat Beera।।
Sankat Te Hanumaan Chhudaavai।
Man Karam Vachan Dhyan Jo Laavai।।
Sab Par Ram Tapasvi Raaja।
Tin Ke Kaaj Sakal Tum Saaja।।
Aur Manorath Jo Koi Laavai।
Soi Amit Jeevan Phal Paavai।।
Chaaro Yug Partaap Tumhaara।
Hai Prasiddh Jagat Ujiyara।।
Saadhu Sant Ke Tum Rakhwaare।
Asur Nikandan Ram Dulaare।।
Ashta Siddhi Nau Nidhi Ke Daata।
Asa Bar Deen Janki Maata।।
Ram Rasayan Tumhare Paasa।
Sadaa Raho Raghupati Ke Daasa।।
Tumhare Bhajan Ram Ko Paavai।
Janam Janam Ke Dukh Bisraavai।।
Antakaal Raghubar Pur Jaai।
Jahaan Janm Hari Bhakt Kahaai।।
Aur Devta Chitt Na Dharai।
Hanumat Sei Sarva Sukh Karai।।
Sankat Kate Mite Sab Peera।
Jo Sumirai Hanumat Balbeera।।
Jai Jai Jai Hanuman Gosaai।
Kripa Karahu Gurudev Ki Naai।।
Jo Sat Baar Paath Kar Koi।
Chhootahi Bandi Maha Sukh Hoi।।
Jo Yah Padhe Bajrang Baan।
Tej Punja Katai Sab Shaan।।
♣♣♣♣♣♣
Also Read
Hanuman Chalisa Marathi: hanuman chalisa lyrics English Hindi Telgu
गणपती स्तोत्र | Ganpati Stotra in Marathi English हिंदी
माझी माऊली या ब्लॉग वरील ही माहिती तुमच्या मित्रांसोबत नक्की शेअर करत रहा. आणि सरकारी व खाजगी भरत्याबद्दल तसेच शासनाच्याअशाच महत्त्वाच्या योजनांचे अपडेट आणि इतर नवीन उपडेट पाहण्यासाठी https://www.majhimauli.com/ रोज भेट देत जा.




